Sunday, 9 October 2022

RAMSETU

आज का हमारा विषय अभिनेता अक्षय कुमार जी  की आ रही नई फिल्म रामसेतु के बारे में हैं | फिल्म रामसेतु  के बारे में आपकी क्या राय हैं फिल्म के अभिनेता अक्षय कुमार हैं |

आज का हमारा विषय अभिनेता अक्षय कुमार जी  की आ रही नई फिल्म रामसेतु के बारे में हैं | फिल्म रामसेतु  के बारे में आपकी क्या राय हैं |

इस फिल्म का पोस्टर 14 oct 2020 को दीपावली के दिन  रिलीज हुआ था | इस पोस्ट में उन्होंने कहा था किआइये हम एक  सेतु का निर्माण करतें हैं और सभी भारतीयों की चेतना में राम जी के आदर्शो  को जीवित रखने का प्रयास करना  चाहिए जो आने वाली पीढ़ी को जीवन जीने का सही रास्ता दिखायेगा |

इस पोस्टर में अक्षय कुमार जी  लम्बे बालों के साथ  ग्रे शर्ट ,कार्गो पेंट और भगवा दुपट्टा पहने हुए हैं |अक्षय कुमार जी की फिल्म की घोषाणा पर उत्तरप्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अयोध्या में फिल्म की सूटिंग करनें की अनुमति मागीं |  आदित्यनाथ जी ने सामाजिक संदेश वाली फिल्म के हीरो की सराहना  की |


इस फिल्म के अंदर पुरातत्व का अनुसरण और जो रामसेतु की प्राकृतिक जांच की गई है इस ब्रिज को अंग्रेजी में एडिशन ब्रिज कहते हैं| इस सेतु को राम जी के साथ महाराज सुग्रीव सुग्रीव और जामवंत हनुमान नल नल और नील अंगद आदि वानरों द्वारा बनाया गया|इस  पुल का बनने का कारण यह था कि रावण माता सीता को पकड़कर अपने राज्य लंका ले गया था माता सीता को बचाने के लिए पुल बनाया गया था|

 इस फिल्म को दीपावली के पवित्र दिन  25 अक्टूबर रिलीज किया |



Wednesday, 5 October 2022

MAICAL JORDAN

Today we are talking about a great player of basketball called Michal Jordan .

ये  मत सोचो  नहीं होगा |
 बल्कि ये सोचो कैसे होगा | 

एक दिन बचपन मै इनके पिताजी ने इनको अपने पास बुलाया |और कहा बेटा  माइकल यह  टीशर्ट कितने  की होगी पापा $1 तो तुम इसे  $20 की बेचकर आओ | उन्होंने कहा ठीक हैं पापा जी |
उनको यह टीशर्ट बेचने मैं  6 घंटे लगे | फिर उनके पिताजी ने अगले दिन उन्हें बुलाया फिर कहा कि बेटा यह टीशर्ट कितने की है उन्होंने कहा पापा $1 तो उन्होंने कहा कि अब इसे $200 की  बेचकर आओ | उन्होंने  कहा  ठीक हैं पापा जी |  उन्होंने यह टीशर्ट साफ की  और उस पर एक मिकी माउस बनाया और स्कूल के बाहर जाकर खड़े हो गए |  जहाँ छोटे बच्चे पड़ने आया करते थे | उन्होंने बोला मिकी माउस की टीशर्ट सिर्फ $200  की ले जाओ ले जाओ | यह टीशर्ट भी उन्होंने बेच दी |
 फिर से माइकल जॉर्डन के पिताजी ने उन्हें बुलाया और कहा बेटा  ये  टीशर्ट कितने की हैं उन्होंने कहा पापा $1 तो उन पिताजी  ने कहा की इसको अब  $500 में बेच कराओ उन्होंने यह नहीं कहा की युए नही होगा उन्होंने  सोचा कैसे होगा  | तभी उन्हें पता चला कि बहुत सुंदर एक्ट्रेस फराह  आई है | तो यह वहां पर गए और उनसे कहा कि मुझे प्लीज अपना ऑटोग्राफ दीजिए | और कहा की  मुझे ऑटोग्राफ चाहिए  ही चाहिए उनका मासूम चेहरा  देखकर  उन्होंने  ऑटोग्राफ दे दिया |
 उस टी-शर्ट को लेकर वह बाजार में गए | और वहीं पर एक छोटा सी जगह पर ही  खड़े होकर  बोलने लगे | की  मशहूर फराक  की सिग्नेचर हुई टीशर्ट मात्र $500 मै  ले जाओ ले जाओ |
 यह सुनते ही वहां पर लोगों की भीड़ लग गईं | किसी ने कहा मैं $500 दुँगा | किसी ने  कहा   में $1000  दूंगा और किसी ना करो मैं $2000 दूंगा मुझे यह टीशर्ट दे दो उन्होंने वह टीशर्ट उनको दे दी और 2000 डॉलर ले  आये 
जबमाइकल जॉर्टीडन टीशर्ट भेज कर कर आए तो उनके पिताजी थे  | उनसे कहा बेटा तू अभी अपनी जिंदगी में भूखा नही मरेगा नहीं मिलेगा तू अपना मुकाम हासिल  कर लेगा |
आज उसको ही बास्केटबाल का भगवान कहा जाने लगा |

BILL GATES

अगर आप गरीब पैदा हुए हैं|

 तो यह आपकी गलती नहीं है |

 लेकिन आप गरीब ही मर गए |

यह आप ही की गलती है |


 आज हम उनके बारे में बात करेंगे जो अपने बचपन से ही होशियार थे | जिनको बचपन से ही किताबे पड़ने  का शोक था | इनकी माँ इनसे बोला करती थी की आप  और बच्चो  के साथ खेला करो | ये केवल पड़ा करते थे वो भी 14-16 घंटे  पड़ते थे | एक बार इनकी माँ ने इनके कमरे की बिजली कट दी उन्होंने सोचा की मेरे बच्चे के कमरे की लाइट कट दूंगी तो वो सो सो जायेगा |  पर जब उनकी माँ उनको देखने गई तो उन्होंने देखा की बिल गेट्स  जो है वो पसीने से लतपत एक टॉर्च की मदद से किताब पड़ रहे हैं |

Sunday, 2 October 2022

ABRAHAM LINCOIN

   हार ना  मानो  तो कोशिश बेकार नही होती |

कोशिश करने  वालो की  हार नहीं होती |

life is all about craziness .

one of greastest example is : Abraham lincoin .

इनका जन्म बहुत गरीब परिवार में हुआ था | इनका पढ़ने  के प्रती  बहुत जुनून था | इनके पिताजी इनके पड़ने के खिलाफ  थे और उनके घर हालात भी सही ने थे | इसलिए  उनकी पढाई भी छुट गयी थी |  पर उन्होंने हार नही मानी और  अपने दोस्तों से किताबे लेकर वो पड़ा करते थे और उन्होंने जो अपने  पिताजी से  जो बढ़ई का काम सिखा उस से उन्होंने एक नाव बनाई | और लोगो के सामान को वो ले जाया करते थे |


कुछ समय बाद दुकान पर उन्हें काम मिल गया और वहां पर उन्हें पढ़ने के लिए समय मिल गया | वे वहां पर लॉ की पढ़ाई करने लगे कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि नदी के दूसरी तरफ एक रिटायर्ड जज रहते हैं | उस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही थी | जिस के कारण नदी जम सी  गई थी | उन्होंने फिर भी वहाँ  जाने का  फैसला किया | नदी मैं अपनी नाव उतारी  और चल दिए पर रास्ते में उनकी नाव बर्फ से टकराकर टूट गई और  पर उनके अन्दर जो किताबे पढने का जूनून था | उसी के  कारण वो वहाँ तैर कर  नदी के  उस पर चले गये  | जज के पास जाकर उन्होंने वहां उनसे लॉ की किताबे मांगी उन्होंने कहा कि मुझे भी किताब को पढ़ने दीजिए उनकी इस लगन को देखकर उन्होंने उन्हें किताब पढ़ने के लिए दे दी और कुछ समय बाद उनकी  पोस्ट मास्टर  की नौकरी लग गई और उनकी पहचान लोगों में बढ़ने लगी उन्हें लोगों के प्रति दुखी थे क्योंकि उस समय दास प्रथा और गुलामी बहुत अच्छा जोरों पर चल रही थी इसलिए उन्होंने राजनीति में जाने का फैसला किया उन्होंने विधायक पद के लिए चुनाव लड़ा  परन्तु  वे हार गए चुनाव करते समय उन्होंने  पोस्ट मास्टर  की नौकरी भी छोड़ दी थी |

CHARLIE CHAPLIN


→ आज हम उनके बारे में बात करेंगे जिन्होंने बिना कुछ बोले बिना कुछ कहे अपने भावों को प्रकट किया उनका नाम चार्ली चापलिन था

इनकी जो माताजी हैं वह जब स्टेज पर परफॉर्मेंस कर रही थी | तो परफॉर्मेंस  के दौरान उनकी जो आवाज थी वो चली गयी थी | तो  उस समय चार्ली चापलिन जब 4 से 5 वर्ष के थे तो वहां पर जो ऑडियंस थी | उन्होंने उनकी मां पर जूते चप्पल फेकना  चालू कर दिया | यह देखकर चार्ली चापलिन ने वहां  स्टेज पर जाकर परफॉर्मेंस  करना शुरू कर दिया

उन्होंने 4 साल की उम्र से  ही  मंच पर  प्रदर्शन करना शुरु कर दिया  था | ये अपनी बातोँ को अपने मुख से नही बल्कि अपने भावो को प्रकट करके किया करते थे | इन से सम्बंधित एक बात है | की जहाँ  मंच पर प्रदर्शन किया जाता था | वहाँ जाकर इन्होने  काम माँगा  था | की मुझे कुछ भी कोई भी काम दे दो वो में कर  लूँगा | पर वो इनको वहाँ से भगा  देते थे | तो ये वहाँ पर उनके घर  के शीशे के काँच को पत्थर  से तोड़ कर  भाग  जाते थे | कई बार उनको जेल भी जाना पड़ा |  ये 200 बार जेल गये थे फिर आखिर में उनसे पूछा गया  तो तुमे मेरे घर का काँच क्यों तोड़ कर  चले जते हो तो उन्होंने बताया की मुझे मेरे पेट की लिए खाना और रहने की लिए सर पर छत की जरुरत है | और में ये दोनों जरुरत वह जेल में जाकर पूरी कर लेता हूँ |  ये सब सुनकर और चार्ली चापलिन से परेशान  होकर उस इन्सान ने इनको काम दे दिया | 
हमको एस सब से ये सिख मलती की की  उनको पता था की मेरी जो जरुरत है वो कैसे पूरी होगी और उसके लिए मुझे के करना चाहिये | जिससे जो  मेरी जरुरत हैं | वो  पूरी हो सके | 

BHAGAT SINGH AZAD


आज हम जिनके बारे में बात करने वाले हैं | वह सभी के दिलों पर राज करते हैं | उनका नाम वीर भगत सिंह आजाद है कुछ इतिहासकार उन्हें आतंकवादी बताते हैं | जो बड़े अफसोस की बात है | जिन्होंने देश को आजाद कराया उनको लोग आतंकवादी मानते हैं उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया गया  हैं | हम यह चाहते हैं |   जिस तरह गांधी जी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई है | उस तरह इन्हें भी राष्ट्रपुत्र की उपाधि मिले |


इनको बचपन से ही पढ़ने का शौक था उन्होंने बचपन में ही 50 किताबें पढ़ ली थी और तीन किताबें अलग पढ़ ली थी जो इनके कोर्स से बाहर थीयह बचपन से ही शांत स्वभाव के थे उन्होंने एक बंदूक को जमीन में गाड़ दिया था और जब पिताजी ने पूछा तो उन्होंने बताया कि मैं इसे बंदूक को इसलिए

 गाड़ रहा हूं कि इससे बंदूकों का पेड़ लगेगा और हमें बहुत सारी बंदूकें मिलेगी जिससे अंग्रेजों को हम अपने देश से भगा देंगे


जलियांवाला बाग हत्याकांड सभी को मालूम होगा इसके बारे में जब यह हुआ था तब भगत सिंह आजाद अपनी क्लास को छोड़कर वहां पर गए थे और वहां पर उन्होंने जाकर देखा कि कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए कुएं में कूद रहे थे | जब उन्हें यह देखा तो वह वहां से 1कांच के डिब्बे में मिट्टी भर कर ले आये | और जब बहन ने पूछा  यह क्या है तो उन्होंने बताया कि यह हमारे वीर शहीदों के खून से रंगी  मिट्टी हैं |

Saturday, 1 October 2022

A.P.J. ABDUL KALAM




 
आज में जिनके बारे में बात करने वाला हूँ | वो सभी देशवाशियो के आखोँ  के तारे हैं| 

→ जैसा  की हम जानते हैं | इनको  को लोग मिसाइल मैन भी कहते है |  ये बहुत ही बुद्धिमानी व्यक्ति थे |ये अपने काम मैं भी बहुत मगन रहते थे वे इतने मगन रहते थे की जिस दिन उनकी सगाई थी उस दिन ही वो अपनी सगाई पर ही  जाना भूल गये थे |

इनके अन्दर कुछ कर दिखने का ज़ज्बा हैं | जो आज कल किसी में नही हैं |किसी ने पूछा अब्दुल कलाम कौन है| तो एक छात्र ने कहा अब्दुल कलाम एक सीधे और सरल व्यक्ति हैं  जिनकी विशेषताओं को नहीं बताया जा सकता

अब्दुल कलाम जी ने सफलता के 4 मंत्र बताएं |

SUCCES MANTRA

1. Great Aim

2. Acquire Knowledge 

3. Hard Work

4. Perseverance

→ एक बार वह कक्षा में बैठकर अपने दोस्त से बात कर रहे थे | तभी उनके अध्यापक जी ने देखा की कलाम जी जिस बच्चे से बात कर रहे हैं | वह पंडित जी  का लड़का हैं  | उनको देखकर उन्होंने  कलाम जी को एक जोर से थप्पड़ जड़ा और कहा कि तुम पीछे   बैठो तुम निची  जाति के हो तुम उनके साथ मत बैठो | तभी से उन्होंने संकल्प लिया कि मैं पीछे बैठ कर ही  दुनिया को बदल लूंगा



DR BHEEM RAO AMBEDKAR

Dr.Bhimrao Ambedkar डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी .😊 डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 ईस्वी में महू  इंदौर मध्य प्रदेश में हुआ था...